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Bangladesh में हिंदुओं और ISKCON Temples पर लगातार हमलों पर युधिष्ठिर गोविंद दास ने जताई चिंता, कट्टरपंथी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया

भारत में इस्कॉन के संचार निदेशक युधिष्ठिर गोविंदा दास ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों और इस्कॉन मंदिरों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बांग्लादेश में लंबे समय से चल रही कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए बांग्लादेश सरकार को दोषी ठहराया है। युधिष्ठिर ने कहा कि इस्कॉन प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ने बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों की सुरक्षा की वकालत की थी, और उनकी गिरफ्तारी इस भयावह स्थिति का परिणाम है।

बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्वों की बढ़ती गतिविधियाँ

युधिष्ठिर गोविंदा दास ने कहा, “चिन्मय कृष्ण जैसे अन्य हिंदू संगठनों के लोग बांग्लादेश में शांतिपूर्वक यह मांग कर रहे थे कि हिंदुओं और उनके मंदिरों की सुरक्षा की जाए और हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्वों की गतिविधियाँ लंबे समय से चल रही हैं।” उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के नोआखली में कई मंदिरों पर हमले हुए हैं, और इसमें दो इस्कॉन के अनुयायी भी मारे गए। हाल ही में मेहेरपुर में एक इस्कॉन केंद्र पर भी हमला हुआ था। इन हमलों से यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय लगातार खतरे में है।

राम जन्मभूमि मंदिर के आचार्य सतीेंद्र दास की चिंता

राम जन्मभूमि मंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य सतीेंद्र दास ने कहा, “कट्टरपंथी तत्वों का उद्देश्य सिर्फ हिंदुओं और हिंदू संगठनों को किसी न किसी रूप में परेशान करना है। ऐसे में भारतीय सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। बांग्लादेश में इस्कॉन के साधु-संत और अच्छे विचारधारा वाले लोग हैं। वहां हिंदुओं को विभाजित करने के लिए साजिशें की जा रही हैं। यदि सरकार हस्तक्षेप नहीं करती, तो वहां हिंदुओं की स्थिति और खराब हो जाएगी।”

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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले पर भाजपा नेता का बयान

भा.ज.पा. सांसद और कर्नाटका के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की और भारत सरकार से बांग्लादेश के साथ सीमा सील करने, बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और हिंदुओं पर हो रहे हमलों को रोका जाना चाहिए। बोम्मई ने बांग्लादेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह समाज को ध्रुवीकृत करने और बांग्लादेश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रही है।

ममता बनर्जी का बयान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक दूसरे देश से संबंधित मामला है और इसका समाधान केंद्र सरकार को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र के निर्णय के साथ खड़ी रहेगी। ममता ने हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों की समस्याओं पर चिंता व्यक्त की, लेकिन इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की भूमिका को अहम बताया।

सीपीआई (एम) और शशि थरूर का बयान

सीपीआई (एम) ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर चिंता व्यक्त की। पार्टी ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की। वहीं, विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि विदेश मंत्रालय के अधिकारी 11 दिसंबर को इस मामले पर समिति को जानकारी देंगे।

कोलकाता में हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ कोलकाता में हिंदू संगठनों ने विशाल रैली निकाली। बांगिया हिंदू जागरण मंच के आह्वान पर आयोजित इस रैली में विभिन्न मठों और मिशनों के साधु-संतों ने भाग लिया। रैली में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई भी हुई। आयोजकों ने कहा कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार तुरंत बंद नहीं होते, तो बंगाल के हिंदू एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।

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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले और इस्कॉन प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने इस मुद्दे को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख बना दिया है। भारत सरकार और अन्य राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, बांग्लादेश सरकार को भी इस पर गंभीर विचार करना चाहिए ताकि हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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